हरियाणा में एक और जासूस कनेक्शन, नूंह से धरे गए दो संदिग्ध, बड़ा खुलासा

हरियाणा के हिसार में पकड़ी गई जासूस हसीना ज्योति मल्होत्रा के बाद एक्शन में आई हरियाणा पुलिस ने नूंह जिले से भी दो जासूसों को अरेस्ट किया है. इनमें एक जासूस तारीफ ने भारत के अंदर पाकिस्तान द्वारा कराए जा रहे जासूसी नेटवर्क का खुलासा किया है. तावड़ू के रहने वाले तारीफ के मुताबिक पहले वह पाकिस्तानी अफसरों को मोबाइल के सिम कार्ड उलब्ध कराता था, लेकिन बाद में उनके कहने पर सैन्य जानकारियां भी उपलब्ध कराईं. तारीफ फिलहाल हरियाणा पुलिस की गिरफ्त में है.
आसिफ ने बताया कि वह पहले पाकिस्तान एंबेसी के अफसर आसिफ बलोचा के संपर्क में था. उसने आसिफ बलोचा को मोबाइल फोन के दो सिमकार्ड उपलब्ध कराए थे. कहा कि आसिफ की मदद से वह पाकिस्तान भी गया, वहां से लौटकर आने पर उसे पाकिस्तान का वीजा चाहने वालों को लाने की जिम्मेदारी दी. डील किया था कि पाकिस्तान जाने वालों से होने वाली वसूली के पैसे में से दोनों आधा-आधा बांट लेंगे. तारीफ के मुताबिक उसने अब तक 8- 10 लोगों को पाकिस्तान भेजा है.
2024 से कर रहा जाफर के लिए काम
तारीफ के मुताबिक 2024 में आसिफ बलोच ने उसे फोन कर मिलने के लिए बुलाया. उस समय उसने बताया कि उसका कभी भी यहां से ट्रांसफर हो सकता है. इसलिए उसने जाफर नामक अधिकारी से परिचय कराया. इसके बाद उसने जाफर के भी कहने पर उसे दो सिमकार्ड दिया. साथ ही जाफर के जरिए भी उसने कई लोगों को पाकिस्तान भेजा. इस वह खुद भी तीन बार वीजा लेकर पाकिस्तान घूमने गया. बताया कि इस बार लौटने पर जाफर ने उसे बड़ा टास्क दे दिया.
सिरसा एयरबेस में की जासूसी
उसने कहा कि अब केवल सिमकार्ड देने से काम नहीं चलेगा. अब उसे बड़ा काम करना होगा. इसके बाद जाफर ने एयर फोर्स बेस सिरसा की निगरानी करने और गोपनीय सूचना उसे देने की जिम्मेदारी दी. तारीफ ने बताया कि बीते डेढ़ साल में उसने जाफर को ढेर सारी सूचनाएं दी है. यह सारी सूचनाएं वाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए उसे भेजी है. पुलिस ने डिटेल निकली तो पता चला कि ढेर सारी सूचनाएं पाकिस्तानी नंबर पर भेजने के बाद डिलीट कर दी गई है.
कौन है पाकिस्तान का जासूस तारीफ?
हरियाणा पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान का जासूस तारीफ मूल रूप से नूंह जिले में तावड़ू के कांगरका गांव का रहने वाला है. पांच भाइयों में वह अपनी माता पिता की दूसरी औलाद है. उसकी शादी दिल्ली के चांदनहोला में 10 साल हुई. इसकी वजह से वह अक्सर दिल्ली आता जाता रहता था. इसी क्रम में उसका पाकिस्तान एंबेसी जाना हुआ, जहां पहले वह बलोच और अब जाफर के संपर्क में आया. एंबेसी के इन अधिकारियों के इशारे पर ही वह सैन्य ठिकानों की जासूसी कर रहा था. तारीफ के दो बच्चे हैं. उसने दिखावे के लिए इलाके में झोला छाप डॉक्टर की पहचान बना रखी है. उसकी अंसल फार्म हाउस के पास एक क्लिनिक भी है.